ग्रामीण मित्र ... पर आपका हार्दिक स्वागत है ......

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सोमवार, 23 मई 2011

सपने सच होती है .... सपने सबको देखना चाहिए ...लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर से ....


सपने सच होती है .... सपने सबको देखना चाहिए ............
..... सत्यम शिवम् बहुत कम समय में साहित्य को नई उचाई में लेजाने के लिए प्रयास में लगे हैं यही नहीं साहित्य प्रेमी संघ ब्लाग अब बेब्सईट में बदल गई है जो प्रसंसनीय है ...एक परिचय प्रस्तुत है ....

 मोतिहारी । बिहार के इंजीनीयरिंग के छात्र Er. सत्यम शिवम अध्ययन के साथ साथ जिस तरह ब्लागिंग में सक्रिय भूमिका निभाते हैं । वह निसन्देह प्रशंसनीय है । अपनी इसी लगन के चलते उन्होंने बहुत कम समय में ही ब्लाग जगत में अच्छा मुकाम हासिल किया है । ॐ साई राम कहते हुये भक्तिमय काव्य का सृजन करने वाले सत्यम शिवम अपनी रचनाओं के जरिये एक भक्तिमय धारा सी बहा देते हैं । चर्चामंच पर उनकी पोस्ट संकलन का चुनाव भी काबिलेतारीफ़ है । आईये देखें । सत्यम शिवम जी क्या कह रहें हैं ?....मै कवि कहलाने का अधिकारी हूँ । या नहीं । मुझे नहीं पता..। पर कविता खुद ही छलक जाती है । तो क्या करूँ..।..मै इंजीनीयरिंग का छात्र हूँ । कविता और संगीत मेरे जीवन के वो रस हैं । जो मुझमे आत्मरूप जीवंत है । भगवान में मेरी आस्था प्रगाढ है । जो मुझे हर पल इक नयी काव्य‍ कल्पना देती है । आप मुझसे बात कर सकते हैं । ( 9981162904 ) BLOG - काव्य कल्पना । गध सर्जना ।
-- लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर से .......

संगोष्ठी ...



संगोष्ठी .... गुरुघासीदास सांस्कृतिक भवन राजनांदगांव में दो दिवसीय ..राज्य स्तरीय सामजिक चिंतन ,साहित्य संगोष्ठी २७,२८ ,मई २०११ को आयोजित रखी गई है .....लक्ष्मी नारायण लहरे ,ग्रामीण  मित्र ..एक...रपट ...





शुक्रवार, 20 मई 2011

मेरे आँगन में तुलसी .......लक्ष्मी नारायण लहरे .

कविता 

मेरे आँगन में तुलसी .......

अँधेरे कमरे में 
दम घूंट रही थी 
मन परेशान था 
आँखों में अँधेरा 
तन भी जवाब दे रहे थे 
सब कुछ धीरे -धीरे  शून्य होते जा रहे थे 
अपनों को आवाज दे -देकर  मुंह थक सा गया था 
अँधेरे कमरे में 
न जाने ! कैसे सूरज की किरणें घुंस आयी 
आँखों में चमक आ गई 
सूरज की नई किरण 
मेरे मन में भी टकराई 
जब आँखें खुली 
मेरे आँगन में तुलसी ....की नन्हा सा पौधा मुस्का  रही थी 
मद्धम -मद्धम हवाएं मेरे पास पहुँच रही थी 
ऐसा लगा मुझे 
 हर -घर , हर आँगन में लगे तुलसी ..का पौधा 
तो ...साहिल ...अँधेरे जीवन में नई जीव भर दे .....
लक्ष्मी नारायण लहरे .....