जिंदगी मुझसे रूठ गई ....
जब से तुझे देखा मैं
मेरी नींदे उड़ गई
तुम्हें दूर जाते देखकर
मेरी अँखियाँ रो पड़ी
तुम्हें ! बस मैंने देखना चाहा
पर मेरी किस्मत न रही
तेरे प्यार पाने के लिए
मैंने अपनी मुद्दत तोड़ दी
पर आज तक
तुम्हें अपनी प्यार के .........
दो बोल न कह सका
और यूँ ही !
जिंदगी मुझसे रूठ गई ........
000लक्ष्मी नारायण लहरे