ग्रामीण मित्र ................. गाँव का प्रहरी , लक्ष्मी नारायण लहरे
ग्रामीण मित्र ... पर आपका हार्दिक स्वागत है ......
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गुरुवार, 23 जून 2011
साहित्य की बहस ....... लक्ष्मी नारायण लहरे
कविता
साहित्य की बहस ......
शब्दों के मेले लगे हैं
शब्दों की चादर के बाहर आ चुकी हैं
विचारों की जंग
आवाजों की दबंग
ईमानदारी खोखली हो चुकी है
कोरे ,पन्नो पर लाल रंग
न जाने क्या -क्या
शब्दों की ताबीज बांधे
सदियाँ गुजर गई .......
आज भी हम
बंजर भूमि , खंडहर महल -रेगिस्तान
जैसे विषयों के लिए लड़ रहे हैं
आजादी के इन बरसों में
साहित्य ,साहित्यकार -नाटककार ,रंगमच में
शब्दों से ,विचारों से ईमानदारी से लड़ते रहें हैं
फिर भी हम
आज -तक समझा न पायें
इंसान को इंसान से मिला न पाए
और साहित्य की बहस अनवरत जारी है
कोई प्रमाण नहीं है हमारे पास
बस दो वक्त की रोटी और छोटे से मकान के लिए
सदियों से लड़ रहे हैं
अपने से अपनों को दूर कर
इंसान से उसकी रंग -जाति पर
नई लेख , नई खोज -नए विचार
लिखने की कोशिश पर
शब्दों से नई जंग लड़ रहें हैं .......
बुधवार, 22 जून 2011
हमें एतराज नहीं है ..... लक्ष्मी नारायण लहरे ..
हमें एतराज नहीं है ,की हमें वो पसंद नहीं करते हैं !
हमें कोई शिकवा भी नहीं है ,की हमें वो नफरत करते हैं !
हमें कोई शिकवा भी नहीं है ,की हमें वो नफरत करते हैं !
सोमवार, 23 मई 2011
सपने सच होती है .... सपने सबको देखना चाहिए ...लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर से ....
सपने सच होती है .... सपने सबको देखना चाहिए ............
..... सत्यम शिवम् बहुत कम समय में साहित्य को नई उचाई में लेजाने के लिए प्रयास में लगे हैं यही नहीं साहित्य प्रेमी संघ ब्लाग अब बेब्सईट में बदल गई है जो प्रसंसनीय है ...एक परिचय प्रस्तुत है ....
मोतिहारी । बिहार के इंजीनीयरिंग के छात्र Er. सत्यम शिवम अध्ययन के साथ साथ जिस तरह ब्लागिंग में सक्रिय भूमिका निभाते हैं । वह निसन्देह प्रशंसनीय है । अपनी इसी लगन के चलते उन्होंने बहुत कम समय में ही ब्लाग जगत में अच्छा मुकाम हासिल किया है । ॐ साई राम कहते हुये भक्तिमय काव्य का सृजन करने वाले सत्यम शिवम अपनी रचनाओं के जरिये एक भक्तिमय धारा सी बहा देते हैं । चर्चामंच पर उनकी पोस्ट संकलन का चुनाव भी काबिलेतारीफ़ है । आईये देखें । सत्यम शिवम जी क्या कह रहें हैं ?....मै कवि कहलाने का अधिकारी हूँ । या नहीं । मुझे नहीं पता..। पर कविता खुद ही छलक जाती है । तो क्या करूँ..।..मै इंजीनीयरिंग का छात्र हूँ । कविता और संगीत मेरे जीवन के वो रस हैं । जो मुझमे आत्मरूप जीवंत है । भगवान में मेरी आस्था प्रगाढ है । जो मुझे हर पल इक नयी काव्य कल्पना देती है । आप मुझसे बात कर सकते हैं । ( 9981162904 ) BLOG - काव्य कल्पना । गध सर्जना ।
मोतिहारी । बिहार के इंजीनीयरिंग के छात्र Er. सत्यम शिवम अध्ययन के साथ साथ जिस तरह ब्लागिंग में सक्रिय भूमिका निभाते हैं । वह निसन्देह प्रशंसनीय है । अपनी इसी लगन के चलते उन्होंने बहुत कम समय में ही ब्लाग जगत में अच्छा मुकाम हासिल किया है । ॐ साई राम कहते हुये भक्तिमय काव्य का सृजन करने वाले सत्यम शिवम अपनी रचनाओं के जरिये एक भक्तिमय धारा सी बहा देते हैं । चर्चामंच पर उनकी पोस्ट संकलन का चुनाव भी काबिलेतारीफ़ है । आईये देखें । सत्यम शिवम जी क्या कह रहें हैं ?....मै कवि कहलाने का अधिकारी हूँ । या नहीं । मुझे नहीं पता..। पर कविता खुद ही छलक जाती है । तो क्या करूँ..।..मै इंजीनीयरिंग का छात्र हूँ । कविता और संगीत मेरे जीवन के वो रस हैं । जो मुझमे आत्मरूप जीवंत है । भगवान में मेरी आस्था प्रगाढ है । जो मुझे हर पल इक नयी काव्य कल्पना देती है । आप मुझसे बात कर सकते हैं । ( 9981162904 ) BLOG - काव्य कल्पना । गध सर्जना ।
-- लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर से .......
शुक्रवार, 20 मई 2011
मेरे आँगन में तुलसी .......लक्ष्मी नारायण लहरे .
मेरे आँगन में तुलसी .......
अँधेरे कमरे में
दम घूंट रही थी
मन परेशान था
आँखों में अँधेरा
तन भी जवाब दे रहे थे
सब कुछ धीरे -धीरे शून्य होते जा रहे थे
अपनों को आवाज दे -देकर मुंह थक सा गया था
अँधेरे कमरे में
न जाने ! कैसे सूरज की किरणें घुंस आयी
आँखों में चमक आ गई
सूरज की नई किरण
मेरे मन में भी टकराई
जब आँखें खुली
मेरे आँगन में तुलसी ....की नन्हा सा पौधा मुस्का रही थी
मद्धम -मद्धम हवाएं मेरे पास पहुँच रही थी
ऐसा लगा मुझे
हर -घर , हर आँगन में लगे तुलसी ..का पौधा
तो ...साहिल ...अँधेरे जीवन में नई जीव भर दे .....
लक्ष्मी नारायण लहरे .....
शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011
कविता ....
जिंदगी मुझसे रूठ गई ....
जब से तुझे देखा मैं
मेरी नींदे उड़ गई
तुम्हें दूर जाते देखकर
मेरी अँखियाँ रो पड़ी
तुम्हें ! बस मैंने देखना चाहा
पर मेरी किस्मत न रही
तेरे प्यार पाने के लिए
मैंने अपनी मुद्दत तोड़ दी
पर आज तक
तुम्हें अपनी प्यार के .........
दो बोल न कह सका
और यूँ ही !
जिंदगी मुझसे रूठ गई ........
000लक्ष्मी नारायण लहरे
कविता ......
एक पत्र ...
सुबह का समय था
नहाने के लिए घर से कुछ दूर निकला था
रोज की तरह गीत -गुनगुनाते
पीछे से आवाज सुनाई दी
ये पागल .........
मैं आगे ही चला जा रहा था
वापस उस राह से गुजरने लगा जब
पीछे से आवाज सुनाई दी ....
रुकिए ....
मैं चौक गया
जब रुका तब बोली
नाराज हो गए क्या
मैं चुप रहा
ओ पागल कहती रह गई
मैं हँसता रह गया
000000लक्ष्मी नारायण लहरे
शनिवार, 26 मार्च 2011
सरस्वती सायकल योजना .........
सरस्वती सायकल योजना .........
सरपंच नंदराम लहरे ,प्राचार्य योग राम जी लहरे और शिक्षक गण....०२
थानेश्वर जी मंच संचालन करते हुए ..०३
प्राचार्य जी का स्वागत करते भारती जी ०४
प्राचार्य जी संबोधन की मुद्रा में ०५
सायकल वितरण .................०६
सरपंच नन्द राम जी सायकल वितरण करते हुए .......०७
शिक्षक वृंत ..............०८
साहित्यकार लक्ष्मी नारायण लहरे .....०९
बालिकाएं सायकल पर सवार होकर घर की ओर .....१०
सरस्वती सायकल योजना .........के अंतगर्त कोसीर शा . उ .मा.विद्यालय में कक्षा नवमी के अनुसूचित जाती ,पिछड़ा जाती के १३४ छात्रों को सायकल वितरित किया गया ,अनुसूचित जाती के ९० छात्राएं ,और पिछड़ा वर्ग से ४४ छात्राएं
सरस्वती सायकल योजना ..वितरण .कार्य क्रम में कोसीर सरपंच नंदराम लहरे को मुख्य अतिथि के आसंदी से निमंत्रण दिया गया था ,सर्व प्रथम मुख्य अतिथि का स्वागत संस्था के शिक्षक नन्द कुमार द्ववारा किया गया और प्राचार्य योग राम जी लहरे का स्वागत संस्था के वरिष्ठ शिक्षक शिव प्रसाद भारती द्वुवारा किया गया
मंच संचालक थानेश्वर जी चंद्रा ने .कार्य क्रम क आगे बढ़ाते हुए मुख्य अतिथि भाजपा पश्चिम मंडल अध्यक्ष कोसीर सरपंच नंदराम लहरे जी को संबोधन के लिए बुलाये, सरपंच नंदराम लहरे ने छत्तीसगढ़ सरकार की सरस्वती सायकल योजना वितरण पर अपनी बात रखे और बच्चों को बधाई देते हुए बोले यह योजना डा .रमन सिंह जी की एक सकरात्मक सोंच है ग्रामीण अंचल के बालिकाएं संसाधन के आभाव में स्कुल नहीं आ पाते थे पर अब इस योजना से लाभ मिल रहा है इस तरह प्राचार्य जी ने भी संबोधन किया और बलिकायों को सायकल वितरण किया गया!
कैमरे की नजर से कुछ तस्वीरें ....
कैमरे की नजर से कुछ तस्वीरें ....
इस कार्य क्रम में युवा साहित्यकार पत्रकार लक्ष्मी नारायण लहरे ,गणमान्य दाऊ राम चंद्रा ,कृष्णो ,दुलार साय कुर्रे ,वरिष्ठ शिक्षक शिव प्रसाद भारती,अनिल भारद्ववाज ,नन्द कुमार ,विजय महिलानें ,राज कुमार ,कुमार सिंह ,बसंती भगत ,रामेश्वर ,अतुल जी ,दिनेश ,चंचल ,मोहन जी ,किरण लहरे की उपस्थिति रही !
बालिकाएं .......सायकल पाने के इंतजार में बैठीं फोटो क्रमांक ०१सरपंच नंदराम लहरे ,प्राचार्य योग राम जी लहरे और शिक्षक गण....०२
थानेश्वर जी मंच संचालन करते हुए ..०३
प्राचार्य जी का स्वागत करते भारती जी ०४
प्राचार्य जी संबोधन की मुद्रा में ०५
सायकल वितरण .................०६
सरपंच नन्द राम जी सायकल वितरण करते हुए .......०७
शिक्षक वृंत ..............०८
साहित्यकार लक्ष्मी नारायण लहरे .....०९
बालिकाएं सायकल पर सवार होकर घर की ओर .....१०
लक्ष्मी नारायण लहरे
ग्रामीण मित्र ....
शुक्रवार, 25 मार्च 2011
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